भांग पियाला पीये महा योगी
विष का धार करे विष धारी
नंदी की सवारी करता रूप है जिसका निराला,
मेरा डमरू वाला नील कंठ केहलावे मेरा डमरू वाला
डम डम डमरू बजता रेहता जब मस्ती में आवे,
सारी काया नाथ को शंकर,
भोले आप नचावे,
डमरू बजा के तांडव करता गले नाग की माला,
मेरा डमरू वाला नील कंठ केहलावे मेरा डमरू वाला
अष्ट बुजंगा माथे चंदा नंदी की सवारी,
जटाओ में तेरी गंगा बेहती तांडव के त्रिपुरारी
मेरा डमरू वाला नील कंठ केहलावे मेरा डमरू वाला
मस्ती सरूपा मस्ती का झुटा पिए भांग का प्याला
मेरा डमरू वाला नील कंठ केहलावे मेरा डमरू वाला
आशाये सब की पूरी करते मेरे भोले भंडारी,
तेरी किरपा से लिखता जेपी लधर लिखारी
परगट तेरी महिमा गाये जपे राम की माला
मेरा डमरू वाला नील कंठ केहलावे मेरा डमरू वाला