सांवरे हमसे मिलने आओ तो कभी
प्यास आँखों की आके बुझाओ कभी
सांवरे हमसे मिलने............
तुमको पुकारे सांवरिये राहें निहारे
दिल ढूंढता फिर तुमको बता तू कहाँ रे
हो छुपे तुम कहाँ हमको बताओ कभी
सांवरे हमसे मिलने
हम तो दीवाने है तेरे बरसो पुराने
इतना बता क्यों प्रेमी से करता बहाने
प्रीत की रीत दिलबर निभाओ कभी
सांवरे हमसे मिलने
भर ना सके ज़माना ये तुम वो कमी हो
तुम जानते हो गोलू की तुम्ही ज़िन्दगी हो
हाथ सर पे हमारे फिराओ कभी
सांवरे हमसे मिलने