किरपा श्याम की साथ में रहती आठो याम,
और दर्शन मुझको देते मेरे खाटू वाले श्याम,
किरपा श्याम की साथ में रहती आठो याम,
श्याम प्रभु से माँगा जो भी कभी नहीं इंकार किया,
थका था हारा इस दुनिया में मेरा श्याम ने साथ दिया,
ये यही नहीं कहलाता इस जग का दीना नाथ,
किरपा श्याम की साथ में रहती आठो याम,
फिरता था मैं मारा मारा कोई न देता साथ था,
जब से मैं शरण मैं आया तेरी हर इंसान मेरे साथ था,
तब कोई नहीं सुनता था अब सुनता है संसार,
किरपा श्याम की साथ में रहती आठो याम,
खाटू जाकर जब जब देखा बिगड़े सारे काम बने,
मयूर का बाबा तू बन गया हरी का लखदातर बना,
बस इतनी किरपा करना तू रहना हर पल साथ,
किरपा श्याम की साथ में रहती आठो याम,