वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले,
जिस ने संसार सम्बाला उसकी तू नाव सम्बाले,
भगती है तेरा गहना तेरे बल का क्या कहना,
कर दो न जीवन हमने तेरे हवाले,
वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले,
ढूंड रहे थे मात सिया को वन में जब रघुराई,
तू ही उनका बना था सहाई,
सात समुंदर लांग के सीता माँ की खबर लगाई.
लंका रावन की तुम ने जलाई,
सारे जग में कोई कर जो पाया नही,
वो काम को तूने हनुमत पल में कर डाले,
वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले,
शक्ति लागी लक्ष्मण को और मुर्शा भारी छाई,
तब रोने लगे रघुराई,
सूरज उगने से पहले संजीवन लाये पिलाये,
तूने राम की लाज बचाई,
राम जी पे बड़ा तेरा कर्ज चडा,
हो भारी से भारी संकट तूने ही टाले,
वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले,
भरी सबा में तूने अपनी छाती चीर दिखाई,
छवि राम की जिस में समाई,
सची भक्ति और सेवा की घर घर ज्योत जगाई,
देवो ने तेरी महिमा देवो ने गाई,
बाला तुम सा कोई देव दूजा नही,
सोनू क्या बोले कहते ये दुनिया वाले,
वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले,