खाटू में मची धमाल फागुन आयो रे,
उड़े रंग ये लाल गुलाल फागुन आयो रे,
श्याम प्रभु का रूप प्यारा शीश का दानी जग से निराला
करे सब का बेडा पार फागुन आयो रे,
श्याम धनि का नाम ध्याले,
सच्चे मन से इसे मना ले,
हर मनत पूरी हो आज फागुन आयो रे,
फागुन का मेला है आया,
साथ में अपने खुशिया लाया,
सब झुके नाचो आज फागुन आयो रे,