कण कण में जो रमने वाला घट घट में समाया है जिसका नाम,
त्रेता के है विष्णु अवतरण दसरथ सूत है सिया पति श्री राम,
अंत बुरे का बुरा हुआ है प्रभु ने सबको ये समझाया,
अदा शक्ति के स्वामी है फिर भी मर्यादा में जीना सिखाया,
चला है जो श्री राम के पथ पर अंत मिला उसको प्रम धाम,
त्रेता के है विष्णु अवतरण दसरथ सूत है सिया पति श्री राम,
मात पिता को जिसने भाव से जीवन में समान दिया,
उनकी आज्ञा शीश धरी और उनके वचन का मान किया,
लख चौरासी पार हुआ वो मिला सुगमता से मोक्ष धाम,
त्रेता के है विष्णु अवतरण दसरथ सूत है सिया पति श्री राम,