नर चेत गुमानी माया ना साथ चले,
माया ना साथ चले,
नर चेत गुमानी माया ना साथ चले ,
दस से सोला गए खेल में ,
बीस गए तेरे मन के मैल में,
चालीस गए तेरे नारी के फेर में,
पचपन हाथ मले ,
नर चेत गुमानी माया ना साथ चले ,
अब तो जाग पड़ा क्यों सोवे ,
सोने से तेरा काम ना होवे ,
हर मन की तू कब तक ढोवै,
टाले ना ही टले,
नर चेत गुमानी माया ना साथ चले,
भजन करे तो हर सुख पावे,
धन दौलत तेरे काम ना आवे,
काया भी तेरे साथ ना जावे ,
अग्नि बीच जले ,
नर चेत गुमानी माया ना साथ चले,
सुमिरन ध्यान लगा ले प्राणी,
होवें ना तेरी कुछ भी हानि ,
कहत कबीर सुनो अज्ञानी ,
कर ले कर्म तू भले ,
नर चेत गुमानी माया ना साथ चले,
कुमार सुनील फोक सिंगर
हिसार हरियाणा भारत
98123 01662