रुणिचे रा धणियां राजस्थानी रामदेवरा भजन

अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया
आवो पधारो म्हारे आंगनिया...
म्हारे आंगनिया....
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

दिन बीत्या,रातां बीती
बाबा थाने टेरता...
बरसो रा बरस बीता
माला थारी फेरता
हांथा ऋ दूखन लागि आंगालियाँ
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

आस विश्वास लिए थारी बाट जोऊ रे
रमा-पीर आसी आसी करता दिन खोऊँ रे
रात्या बिताऊं करके जागनिया
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

रुनिचे रा राजा थाने घनी घनी खम्मा हो
दो करोड़ थे म्हाने दीज्यो,बाकी राखो जम्मा हो
थे हो देवनिया,म्हे हाँ लवानिया..
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

भगतां री पुकार सुन रामा-पीर आयो है
दास थारा दरसन करके अति सुख पायो है
म्हारी माला का बाबा थे हो मणिया
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया
आवो पधारो म्हारे आंगनिया...
म्हारे आंगनिया....
अजमाल जी रा कंवरा
अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया

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