जोगी जी मैं क्यों गबराऊ

हा बाबा जी मैं क्यों गबराऊ.
हा जोगी जी मैं क्यों गबराऊ.
जब जी कोई दुःख आ जाये तुम को सन्मुख पाउ,
जोगी जी मैं क्यों गबराऊ.

वक़्त बुरा जो आया मुझपे सब ने मुखड़े मोड़े,
मरने की जो बात थे करते हाथ हाथो से छोड़े,
तेरे बिन पर कोई न मेरा तेरी महिमा गाउ,
जोगी जी मैं क्यों गबराऊ.......

जिनको तेरा ओट आसरा वो तो कर्मो वाले,
रोज रोज भर भर पीते तेरे नाम के प्याले,
कमी कोई न रहती बाबा निव निव शीश झुकाउ
जोगी जी मैं क्यों गबराऊ........

तेरे नाम बिना मेरे बाबा किसको और पुकारू,
तेरा होके मेरे बाबा सारी उम्र गुजारु,
तेरे प्यार में भूलू सब को तुझको भूल न पाउ,
जोगी जी मैं क्यों गबराऊ..
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