(तर्ज: सांवरे की महफ़िल को)
जिसने भी बाबा को भावों से सजाया है ,
उसने तो बाबा को हर पल साथ पाया है ,
अँखियों में सुरमा तो लागे है प्यारा ,
होठों की लाली का अज़ब नज़ारा ,
देख के चंदा शरमाया है ,
उसने तो बाबा …..
हीरो जड़ी ये पगड़ी पहनाई ,
बाबा को देखो ये है मन भाई ,
केशरिया बागा मन भाया है ,
उसने तो बाबा …..
काला तो टिका इनको लगाओ ,
लग नहीं जाए नज़र बचाओ ,
सांवरिया थोड़ा मुस्काया है ,
उसने तो बाबा …..
सूरत पे जाऊँ मैं बलिहारी ,
'प्रियंका' नज़र उतारूंगी थारी ,
भक्तों के मन को तू भाया है ,
उसने तो बाबा …..