चढ़ने लगा है श्याम का सरूर

( तेरी दीवानगी का असर,
कुछ इस कदर हुआ साँवरे,
के तू दिल में है फिर भी,
तेरे दर्शन को मैं बेचैन हूँ। )

चढ़ने लगा है श्याम का सरूर,
दर्शन को दिल हुआ मजबूर,
खाटू चलिए चल खाटू चलिए,
शीश के दानी बड़े मशहूर
हम पे करेंगे कृपा ज़रूर,
खाटू चलिए, चल खाटू चलिए,
चल खाटू चलिए,
अधूरा रहूँ तुम बिन सांवरे,
संवर जाऊं दर पर जब आऊं रे,
ये जीवन लम्बिया लम्बिया रे,
कटे तेरे संगिया संगिया रे॥

बज रहा कलयुग में डंका,
श्याम की रहमत का,
दान सभी को मिल जाता है,
अपनी ज़रूरत का,
खाली ना होते उसके ख़ज़ाने,
भक्तों की आँखों में,
मन की बात जाने,
साथी हो हमारे तुम सांवरे,
अर्ज़ी यही मैं दोहराऊं रे,
ये जीवन लम्बिया लम्बिया रे,
कटे तेरे संगिया संगिया रे॥

चमका दो मैं भी हूँ तेरे आँगन का तारा,
सौंप दिया तुझको भी मैंने ये जीवन सारा,
तुमसे गुज़ारा मेरा तीन बाण धारी,
तुमसे ना जीत पाए ग़म की अंधियारी,
इतना मैं तुझ में खो जाऊं रे,
सब भूल कर बस ये ही गाउँ रे,
ये जीवन लम्बिया लम्बिया रे,
कटे तेरे संगिया संगिया रे॥

चढ़ने लगा है श्याम का सरूर,
दर्शन को दिल हुआ मजबूर
खाटू चलिए चल खाटू चलिए,
शीश के दानी बड़ा मशहूर
हम पे करेंगे कृपा ज़रूर,
खाटू चलिए, चल खाटू चलिए,
चल खाटू चलिए,
अधूरा रहूँ तुम बिन सांवरे,
संवर जाऊं दर पर जब आऊं रे,
ये जीवन लम्बिया लम्बिया रे,
कटे तेरे संगिया संगिया रे॥
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