करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर,
हर पल सहारा श्याम का मैं क्यों करू फ़िक्र,
क्या क्या ये दे रहा मुझे कैसे बताऊ मैं,
बिगड़े काम को कैसे गिनाऊ मैं,
जब भी पुकारू दौड़ के आता है मेरे घर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
ये ही समबालता मुझे गिरने से थाम ता,
करता सदा ये माफ़ ये मेरी सभी खता,
इस की दया से हो रहा मेरा गुजर वसर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
जाऊ याहा मैं भी रस्ता दिखा रहा ,
अपने ही प्रेमियों से ये मुझको मिला रहा,
चलता है साथ साथ में बन कर के हमसफ़र,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
ऐसे दयालु देव की करता हु बंदगी,
लिखदी है इसके नाम से मैंने ये ज़िंदगी ,
बिनु ने इसका फैसला छोड़ा है श्याम पर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर