मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,
सो दुखो की एक दवा ये पावन नाम है साई,
मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,
शिरडी से दिखे काबा मंदिर में बैठा बाबा,
चारो दिशा में चलता ज्योति का नूर बाबा,
अल्ल्हा नानक राम है प्यारा धुना तपे है साई,
मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,
दीं दुखी का रखवाला साई है भोला भाला,
भटके को राह दिखाये और सत की ज्योत जलाये,
दर दर क्यों तू भटक रहा शिरडी में सारी खुदाई,
मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,
इक नूर एक फरिश्ता शिरडी से जिसका रिश्ता,
मंद मंद मुस्काये और चमत्कार दिखलाये,
मनका मनका फेर ले बंदे मिल जायगे साई,
मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,
जो भी इसके दर आता खाली न ये लौटाता,
अपनी रेहमत की किरपा से ये उसके भाग जगाता,
सज्जन रिया कर हर पल भज ले साई नाम सुखदाई,
मेरा हरी है साई मेरा राम है साई,