नाचलो नाचलो नाचलो
शिर्डी के मदारी ने नचाया सारी दुनिया को
शंकर अवतारी ने नचाया सारी दुनिया को
नचलो दीवानों साईं के दर पे
आओ नचलो आओ नचलो,
नचलो दीवानों साईं के दर पे
सब से बात अलग है साईं की करतब जो दिखलाए साईं ने,
चाहे पंडित हो या मोलवी भेद समज न पाए,
इश्वर के पुजारी ने नचाया सारी दुनिया को
भीख मांगता घर घर जाके ये भोला भंडारी
सुख के मोती है झोली में फिर भी बना भिखारी
इस पालनहारी नचाया सारी दुनिया को
नचलो दीवानों साईं के दर पे
नीम के नीचे बैठा है पड़े पाओ में छाले,
जो भी दुखियां शरण में आता उसको गले लगा ले साईं जी
इस संकट हारी ने नचाया सारी दुनिया को
नचलो दीवानों साईं के दर पे