शिर्डी में हो मेरा घर देदो साई ऐसा वर,
शिर्डी मे भी हो साई जी घर एक मेरा,
मिलना जुलना होगा साई तेरा मेरा,
इतना किरपा कर दाता सपना पूरा कर दाता,
मन के आंगन में कर दे खुशियो का सवेरा,
मिलना जुलना होगा साई तेरा मेरा,
शिरडी में जब घर होगा तो निश दिन दर्शन पाएंगे,
चार समय की आरती लेके जीवन सफल बनायेगे,
चरणों में तेरे बाबा टेके गे अपना माथा,
मंदिर में तेरे फिर होगा अपना डेरा,
मिलना जुलना होगा साई तेरा मेरा,
धन्य धन्य शिरडी की गलियां,
प्रगटे यहाँ मेरे साई,
सारि दुनिया में मेरे साई ने शिरडी ही क्यों अपनाई,
अपनाया जो शिरडी को है भेद जरूर कोई तो,
द्वारका माई में शिरडी की किया बसेरा,
मिलना जुलना होगा साई तेरा मेरा,
सच दा नन्द सतचित आनंदन से साहिल का दमन भर दो,
शिरडी में एक कुटियाँ देकर सेवा का इक अवसर दो,
कब मांगे चाँद सितारे कब मांगे महल चौबारे,
उमा तो मांगे हर इक पल हो दर्शन तेरा,
मिलना जुलना होगा साई तेरा मेरा,