मैं जबसे तेरा साँवरा हो गया,
कल क्या था मैं आज क्या हो गया,
जीवन की बगियाँ सुखी हुई थी,
बहारे भी मुझसे रूठी हुई थी,
वही भाग फिर से हरा हो गया,
कल क्या था मैं आज क्या हो गया,
मैं जबसे तेरा साँवरा हो गया,
मेरे साथ चलती थी बाद नसीबी,
हारा मैं हर दम ना जीता कभी भी,
अब जीत का सिलसिला हो गया,
कल क्या था मैं आज क्या हो गया,
मैं जबसे तेरा साँवरा हो गया,
दर्द था दिल में अँखियो में पानी,
सोनू मिला न था तुमसे दानी,
मेरे दर्दे दिल की दवा बन गया,
कल क्या था मैं आज क्या हो गया,
मैं जबसे तेरा साँवरा हो गया,