मन्ने घणा दिन के बाद किया है याद,
खाटू वाले ने सुण ली मेरी फ़रियाद,
रै मन्ने आज ना कोई टोके ना जनो कोई रोके,
मेरी बरसों की भक्ति मेरी काम आ गई,
आते आते श्याम मिलण की शाम आ गई,
चिट्टी साँवरिया की मेरे नाम आ गई,
आते आते श्याम मिलण की शाम आ गई
लखदातार दे द्वार अज्ज मेनू नच लेण दे,
श्याम दा मिलिया मेन्नु प्यार,
अज्ज मेनू नच लेण दे लखदातार दे द्वार,
अज्ज मेनू नच लेण दे....
गंगा जल में इत्र मिलाके चरण श्याम धोऊं मैं,
खुश हूँ कितना के बतलाऊँ कदे हँसू कदे रोऊँ मैं,
लेके मन्ने तक़दीर श्याम के धाम आ गई,
आते आते श्याम मिलण की शाम आ गई
आज है ग्यारस श्याम प्रेम रस खाटू में बरसावेंगे,
जन्मों से प्यासे इस मन की हम भी प्यास बुझावेंगे,
श्याम नाम धुन गावेंगे म्हारी झोली में अब,
बख्शीस, काम आ गई आते आते श्याम मिलण की,
शाम आ गई.......
सुनते सुनते सुण ली मेरी अरजी लखदातार ने,
जान ली मेरे मन की मर्जी साँवरिया सरकार ने,
लेके पवन मेरे बाबा का पैगाम आ गई,
आते आते श्याम मिलण की शाम आ गई।