श्याम तुम ही बताओ ना ये कैसा अपना नाता है
मेरे सुख में मेरे दुःख में तू ही तो काम आता है
श्याम तुम ही बताओ ना...............
मेरे तुम माँ पिता गुरु हो जो चिंता करते हो मेरी
मेरी हर सुख सुविधा में कभी ना होती है देरी
क्यों लगता है मेरे सर पे तेरे आशीष का छाता है
श्याम तुम ही बताओ ना................
मेरे भगवन हो प्यारे ये दिल तुम्हे भजता क्यों बोलो
तेरे चरणों में प्रीती का ये सर झुकता है क्यों बोलो
याद आती तेरी जब जब ये बल्लू मुस्कुराता है
श्याम तुम ही बताओ ना................