तकदीर बदल ती है रेहमत से फकीरो की,
चलो द्वार चले मिल के हमे साई ने भुलाया है,
कण कण में साई जी तेरा रूप समाया है,
फर्याद सुना ने को मेरा दिल कर आया है,
तेरे रूप हजारो है सब में तेरी छाया है,
हर रंग में खुश्बू तेरी तेरी ही ये माया है,
तेरे अधर साई तुझे गा गा भुलाया है,
रवि चन्दर ने भी बाबा तेरा दर्शन पाया है,