सांसो में दिल की धड़कन में मन की दर्पण में मेरे साई रहते है,
इस आत्मा में जो परमात्मा है साई का ही रूप है,
पुरवाई साई छइयां है साई तोह ही धुप है,
भक्ति में पथ वंदन में धुप चन्दन में मेरे साई रहते है,
सांसो में दिल की धड़कन में मन की दर्पण में मेरे साई रहते है,
जागे जो साई तो जग जाऊ मैं भी सोये तो सो जाऊ मैं,
साई में जन्मा हु साई में पलता हु साई में खो जाऊ मैं,
नींदो में मेरे सपनो में मेरे अपनों में मेरे साई रहते है,
सांसो में दिल की धड़कन में मन की दर्पण में मेरे साई रहते है,
मुझमे हमेशा होते है साई साई में होता हु मैं,
देते है साई आकर दिलासा जब जब भी रोटा हु मैं,
खुशियो में मेरे अशावान में सारे जीवन में मेरे साई रहते है,
सांसो में दिल की धड़कन में मन की दर्पण में मेरे साई रहते है,