दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे,
बड़ा प्यारा लागे रे बड़ा सोहना लागे रे,
दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे,
शोभा दर की प्यारी लागे द्वार सभी है आते,
बाबा के दरबार पे देखो मिल कर ख़ुशी मनाते,
कर ले वन्धन दिल से इनकी बढ़ जाएगा सकूं,
दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे,
ख़ास मुराद पे ईशा जो भी साथ है अपनी लाइ,
बाबा उसकी झोलियाँ भर दे दुखड़े दूर भगाये,
मांग ले जो भी मांग सके तू बाबा दे भरपूर,
दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे,
जगह जगह गुण गान तुम्हरा होता है संसार में,
भगतो का लगता है मेला संवारे के दरबार में,
इक बार अब दिल से कह दे खाटू नरेश की जय,
दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे,