सोच के आया था श्याम से सब कुछ मांगूंगा
मैं ये भी मांगूंगा श्याम से वो भी मांगूंगा
लेकिन जब खाटू आया तो सब कुछ भूल गया
मुझे याद रहा बस सांवरिया
मैंने सुना है साँविरया जो भी आता तेरे दर पे
खाली झोली जो भी लाता ले जाता है भर के
बंगला मांगूंगा श्याम से कोठी मांगूंगा
लेकिन जब खाटू आया तो सब कुछ भूल गया
मुझे याद रहा बस सांवरिया
तुझसे क्या मांगू बाबा मैं कुछ भी सोच ना पाया
बस इतनी कृपा कर मुझपे साथ रहे तेरा साया
फरारी मांगूंगा श्याम से ऑडी मांगूंगा
लेकिन जब खाटू आया तो सब कुछ भूल गया
मुझे याद रहा बस सांवरिया
सांवरे अब तो आ गया दर पे मुझको तू अपना ले
पैदल चल चल देख ले बाबा पाँव में पड़ गए छाले
भक्ति मांगूंगा श्याम से सुमिरन मांगूंगा
राज के ऊपर बाबा तेरी कृपा मांगूंगा
लेकिन जब खाटू आया तो सब कुछ भूल गया
मुझे याद रहा बस सांवरिया