बनवारी मेरी नैया को तुम भव से पार लगा जाओ,
पल भर की ना अब देर करो हे दीं दयाल आ जाओ,
बनवारी मेरी नैया को......
नैया मेरी डगमग डोले कोई राह नज़र ना आती है,
धीरज अब खोये जाता हूँ ये लहरें मुझको डराती हैं,
कहीं डूब ना जाऊं बनवारी आकर के धीर बंधा जाओ,
बनवारी मेरी नैया को......
क्यों रूठ गया है तू मुझसे जो नज़रें नहीं मिलाता है,
गर कोई खता हुई मुझसे तो क्यों ना मुझे बताता है,
बेटी तेरी हूँ सांवरिया अब पिता का फ़र्ज़ निभा जाओ,
बनवारी मेरी नैया को......
आँखों से आंसू बह बह कर बस इक फरियाद करते हैं,
चरणों से दूर ना करना हमें इतनी सी बात कहते हैं,
आयोजिका तेरी पागल है इस पागल को अपना जाओ,
बनवारी मेरी नैया को......