नरम नरम लायी घाल गरम कान्हा माखन रोट मैं,
श्याम जिमावे जाटनी घुंघट की ओट में,
सांवरिया करूं ओट तन मन तेरा जादू चढ़ रहया सै,
घणां करू दीदार तेरा मैं दीवानापन बढ़ रहया सै,
दिल होजा सै घाल मेरा नजरां की चोट म्हे,
श्याम जिमावै जाटनी........
डर लागे मने सांवरे कदे मीरा ना हो जाऊं मैं,
छोड़ चौधरी बालका नै तेरे महँ खो जाऊं मैं,
मोहनी मोहनी सूरत तेरी कर दे खोट म्हे,
श्याम जिमावै जाटनी........
इस ढाला का रिश्ता राखू ना कच्चा ना पक्का हो,
निभजा आखिरी सांस तलक जो ना रोला ना रूकका हो,
सागर धरै नित्न ध्यान तेरा तुम रहियो सपोर्ट म्हे,
श्याम जिमावै जाटनी..........