साईं मेरे मन में है साई मेरे तन में है,
जिधर भी देखु साई कण कण में है,
भक्तो का तू ही रखवाला परम मनोहर हिर्दय विशाला,
साईं मेरे मन में है साई मेरे तन में है,
जो तेरा मन से ध्यान लगाये,
उसका जीवन सफल हो जाये,
जो शीश तेरे चरणों में झुकाये,
समजो तीर्थ धाम वो हो आये,
करे साई कल्याण साईं मेरे मन में है साई मेरे तन में है,
आँखों से तेरी प्रेम ही बरसे दर्शन को अब ये नैन ये तरसे,
आये हम सब द्वार तुम्हारे,
हर लो ये दुःख दर्द हमारे,
करो साई उधार,
साईं मेरे मन में है साई मेरे तन में है,