तुम्हारी याद आती है बताओ क्या करे मोहन,
सुबह और शाम आती है रात भर वो रुलाती है,
चैन हम को नहीं आता बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है .............
चैन जब वो मचलने दे रुकू जब वो न रुकने दे,
मिलु ओरो से न मिलने दे बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है .............
तुम्हारे ये और तुम इस के हमारी कौन चलने दे,
ये जब जायेगी तुम आओ बताओ क्या करे मोहन,
तुम्हारी याद आती है .............