जिस के जप तप से मिलता है तन मन को आराम,
वो राधा का श्याम वो मीरा का घनश्याम,
सारे जग का इक खिवैइया सब का पार लगिया,
मीरा का घनश्याम कहे कोई राधा का वो कन्हियाँ
सब के मन को शीतल करता वो प्यारा सा नाम
वो राधा का श्याम वो मीरा का घनश्याम,
राधा का वो रास रचियाँ मीरा के करुना कर
धन्ये किया मीरा को प्रभु ने अपना दर्श दिखा कर,
अमर हुए है भक्त प्रभु के करे जो ऐसा काम
वो राधा का श्याम वो मीरा का घनश्याम,
राधे श्याम की मूरत जग में लगती बड़ी सुहानी
मीरा जैसे भगती रंग में डुभे जो भी प्राणी
तन मन धन से रहे समर्पित प्रभु में आठो याम
वो राधा का श्याम वो मीरा का घनश्याम,