जीवन की शाम तेरे
एक दिन ढल जाएगी
जिन्दगी तेरी तुझको
यूं ही छल जाएगी
जीवन की शाम तेरे...
चौखट पे थमेगा जिस रोज
काल का पहिया
उस रोज थम जाएगा
तू भी मेरे भैया
थम जाएंगी सांसे
आसे फिर ना चल पाएगी
जिन्दगी तेरी तुझको
यूं ही छल जाएगी
जीवन की शाम तेरे...
कर्मों की तेरे बही
वहाँ पे खुलेगी
खाता जैसा होगा
गति वैसी मिलेगी
सजा बुरे कर्मों की
बिल्कुल ना टल पाएगी
जिन्दगी तेरी तुझको
यूं ही छल जाएगी
जीवन की शाम तेरे...
मति अपनी तू
राजीव थोड़ी सुधार ले
सत कर्मों से गति
अपनी संवार ले
खुशियाँ तेरी जिन्दगी
तब हर पल पाएगी
जिन्दगी तेरी तुझको
यूं ही छल जाएगी
जीवन की शाम तेरे
एक दिन ढल जाएगी
©राजीव त्यागी