साई लाडी शाह ने आप भुलाया,
विच नकोदर डेरा लाया,
जी करदा दर मल के बह जा,
मूड घर न न जावा मैं सदी होइ साइयाँ दी,
लाडी शाह ही गावा .....
साई मेरे दी रेहमत हो गई भाग जाग गए सूते,
कलेया ओहना आप सुनेहा कलैया केहड़ी रुते,
जेठ हाड दी रुते,
तू भगा वाली न दे देते घुंगरू आडिया कुचके पावा,
मैं सदी होइ साइयाँ दी,
लाडी शाह ही गावा...
नाम दान दा दे दिता अमृत सुध भुध मेरी भूल गई,
अम्बरा दे विच उड़ दी जावा विच खुस्भु दे विच मिल गई,
आ दुनिया नालो नाता तोड़ के अल्लाह हु ही गावा,
मैं सदी होइ साइयाँ दी,
लाडी शाह ही गावा
दीप दंगियां चोंकि भर ले वीर वार नू आके,
बति रोग तोड़े परशादा सिमी जावी लंगर खा के,
ओ साई मेरे ने बाह फड़ ली,
सच्ची कसम खुदा दी खावा,
मैं सदी होइ साइयाँ दी,
लाडी शाह ही गावा