मेरे दिल दी पतंग कट गयी,
मुरली वाला लूट ले गया ।
मेरी डोर जाने कैसे फास गयी,
मुरली वाला लूट ले गया ॥
सावरे कहना नाल पेच लड़ाया सी
पेच लड़ा के मैं ता बड़ा पछताया सी
मेरी डोर जाने कैसे फास गयी,
मुरली वाला लूट ले गया
कटती पतंग मेरी प्रेम दी डोरी नाल
डोर च फसयी डोर मोहन ने चोरी नाल
इस छलिये दी चाल चल गयी,
मुरली वाला लूट ले गया
चंगा होई लूट के ले गया कनहिया
‘पूनम’ दे दिल नु भा गया कन्हिया
मैनु मोहन दी शरण मिल गयी
मुरली वाला लूट ले गया