मन इक तारा तू हाथ उठा ले,
मीरा जैसा प्याला मस्ती का चढ़ा ले,
अरे राधे राधे की जो प्यारे रत्न लगा ले ,
दूर नहीं बंसी वाले फिर दूर नहीं मुरली वाले,
याहा श्यामा वाहा श्याम मिले कोई माने या न माने,
श्याम दीवानी ये दुनिया श्यामा के श्याम दीवाने,
श्यामा बसे वृन्दावन में श्याम है श्यामा के मन में,
और श्याम जु को तू अपने मन में वसा ले,
फिर दूर नहीं बंसी वाले फिर दूर नहीं मुरली वाले,
ये तीर्थ परकरमा और ये धुनि ध्यान ध्यान समाधि,
इक राधे के नाम बिना सब आधी की भी आधी,
बिन राधे सब काम अधूरे काम अधूरे श्याम अधूरे,
राधे की धुन में जो तू खुद को रमा ले ,
दूर नहीं बंसी वाले फिर दूर नहीं मुरली वाले,
प्रेम के वश में बंसी वाले भाव के वश में राधे,
राधे राधे भजो भाव से राधे ही श्याम मिला दे,
राधा हरे तेरी गथाया दूर करे हर इक वाधा,
खुद को जो कर दे तू राधे के हवाले,
दूर नहीं बंसी वाले फिर दूर नहीं मुरली वाले,