तेरा बागा रंग बिरंगा तेरे मुकुट के ऊपर चंदा
लगता है प्यारे प्यारे सांवरे
सांवरे क्या कहना ..............
तेरे रूप की पागल बाबा दुनिया सारी रे
तेरी प्यारी प्यारी लीले की असवारी रे
तेरे नैनो में सुरमा सोहे प्यारा प्यारा जी
तेरे मोटे नैन नशीले नज़र कटारी रे
तेरे दर पे मेला लगता जब जब बाबा तू सजता
सजता है न्यारा न्यारा सांवरे
सांवरे क्या कहना ..............
तेरे जन्नत वर्गा सजता है दरबार जी
तेरे रंग बिररंगे फूलों वाले हार जी
हो मायापति जी माया के भंडार तुम
जो दर्शन करता पाटा ख़ुशी अपार जी
इतर की खुशबू महके खुशबू से मनडा चहके
मन हो जाता दीवाना सांवरे
सांवरे क्या कहना ..............
तेरी मेहर को तरसे सोनू लक्खा तेरा ररे
मेरे दिल में बना हुआ घर तेरा रे
अब बोल मुरारी खाली कैसे जाऊं मैं
हे दीं दयालु सच्चा डेरा तेरा रे
मन्ने आलू सिंह जी मानावे और श्याम बहादुर गावें
लक्खा भी नज़र उतारे सांवरे
सांवरे क्या कहना ..............