तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो,
तेरे टुकड़ो पे पलता हु गुजारा हो तो ऐसा हो
किसी को ज़माने की दौलत मिली है,
किसी को जहां की हकूमत मिली है,
मैं अपने मुकदर पे क़ुराब जाऊ,
मुझे अपने कान्हा की चौखट मिली है,
क्यों कही जाए किस्मत आजमाने के लिये,
मेरे कान्हा है तेरी बिगड़ी बनाने के लिये.
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो,
ज़माने में नहीं देखा कोई सरकार के जैसा,
मेरे दिल दार के जैसा,
हमे ये नाज है रहभर हमारा हो तो ऐसा हो,
मरू मैं तेरी चौकठ पर मेरे कान्हा मेरे दिलबर,
रहे तू रूब रु मेरे नजारा हो तो ऐसा हो,