तेरे होते डूभ रही है कश्ती श्याम बचा लो,
कोई नहीं है पास इक तुम्हारी आस,
बिजली कड़के बादल गरजे तेज पावक है हवाये,
हम कब हां ले जाये
आओ चल कर माझी बन कर अब पतवार समबालो,
कश्ती श्याम बचालो,
खा रही हिचकोले इधर उधर डोले,
हार गये हम कोशिश करके दूर बहुत है किनारे,
आओ हारे के सहारे,
तुम तो जादू गर हो बाबा,
जादू कुछ कर डालो,
कश्ती श्याम बचालो,
पूरा भरोसा है केवल तेरा है,
छोड़ के तुझपे बंद मैं करके,
आंखे बैठ गया हु रस्ता देख रहा हु,
शर्मा का विश्वाश न टूटे भव सागर से निकालो,
कश्ती श्याम बचालो,