मेरी हैसियत से बढ़कर झोली को भर दिया है,
मेरे श्याम खाटूवाले तेरा शुक्रिया है.....
भक्ति में हुआ मगन में विश्वास किया है तुझ पर,
कृपा से भरी निगाहें रहती हैं तेरी मुझ पर,
तेरी रहमतों की बारिश से महक रहा जिया है,
मेरी हैसियत से बढ़कर..........
पकड़ा है जबसे दामन मुझको था तू निहारा,
होकर मैं तेरा जीता दुनिया का बन के हारा,
तेरे नाम का प्याला श्रद्धा से जो पिया है,
मेरी हैसियत से बढ़कर.........
अपनी शरण से मुझको पल भी ना दूर करना,
कहे नाटी गोनियाना सदा सर पे हाथ धरना,
तुझको मैं सारा जीवन अर्पण जो कर दिया है,
मेरी हैसियत से बढ़कर........