हे श्याम तेरे प्यार का खुमार चढ़ गया
तेरे नाम का हे श्याम अमृत जो पी लिया
जब तक मैं तेरा नाम ना लुं चैन ना पाऊं
तेरे दर पे सांवरे मैं हर रोज ही जाऊं
तेरी छबि निहार के निहाल हो गया
तेरे नाम ........
दिन रात जप रहा मैं तेरे नाम की माला
सारे जहां से बोलूँ मेरा यार सांवरा
भजनों में तेरे श्याम मैं मदमस्त हो गया
तेरे नाम ..........
कितने ही सेठ पाये तुझसा सेठ ना मिला
जो मांगा तेरे दर पे झोली भर के है मिला
कैसे बताये उषा मुझे क्या क्या मिल गया
तेरे नाम ......