दुनिया से हम हुए परेशान श्याम नाम गुण,
कढ़ी कचोरी खाये गे खाटू में बस जायेगे,
काशी प्यारी मथुरा प्यारी प्यारा वैष्णो धाम है,
पर तेरे खाटू की बाबा इक अलग ही शान है,
रींगस से खाटू तक पैदल श्याम ध्वजा लहराए गे,
कढ़ी कचोरी खाये गे खाटू में बस जायेगे
श्याम नाम की धुन पे पागल ये सारा जहां है,
हम तो है बाबा तेरे तुझपे जहां कुर्बान है,
हम तो झूमे गे गाये गे तुझको साथ नचाइयेगे,
कढ़ी कचोरी खाये गे खाटू में बस जायेगे
जब से तेरे दर से जुड़े है अपनी अलग पहचान है,
अंश वंश को दिया है तूने शोहरत और समान है,
तेरे मंदिर के पीछे हम अपना फ्लैट बनाये गे,
कढ़ी कचोरी खाये गे खाटू में बस जायेगे