लीले पे बाबो सोवे,मनड़ो भागता रो मोहे,
अस्यो सज्यो हे सरकार- लेउ रे नजर उतार,
केसरिया बागो ऊपर,हार गुलाबी प्यारो,
माथे मुकुट मणियों का कुण्डल काना में न्यारो,
केसर को तिलक लाग्यो हे,बाबो म्हारो खूब सज्यो हे,
ऐसो अजब श्रृंगार- लेउ रे नजर उतार,
भागता ने दियो बुलावो,सांविरयो मिलबा आयो,
खुलसी भंडारा रा ताला,माल लुटावन आयो,
लेवागा बढ़के आगे- दुखड़ा मिंटा में भागे,
झोली भरेलो सरकार, लेउ रे नजर उतार,
कह दीज्यो अपने मन की,बाबो सुनेगो सबकी,
कलियुग में देव निरालो,नंदू जाने घट घट की,
कर्मा रा लेख बदल दे, काया कंचन सी कर दे,
भागता रो सांचो आधार, लेउ रे नजर उतार,