ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ-साईं

ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ ll, मुझको दर्शन दे देना ll
*दर्शन दे देना, साईं मुझे दर्शन दे देना ll,
ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ,,,,,,,,,,,,

मैं नाचीज़ हूँ बन्दा तेरा, तूँ सबका दाता है l
तेरे हाथ मैं सारी दुनियाँ, मेरे हाथ मैं क्या है ll
*तुझको देखूं जिसमे ऐसा, दर्पण दे देना,
ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ,,,,,,,,,,,,

मेरे अन्दर तेरी लहरें, रिश्ता है सदियों का l
जैसे इक नाता होता है, सागर से नदियों का ll
*करूँ साधना तेरी केवल, साधना दे देना,
ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ,,,,,,,,,,,,

हम सब हैं सीताएँ तेरी, हम सब राम तुम्हारे l
तेरी कथा सुनते जायेंगे, बाबा तेरे सहारे ll
*इस जंगल में चाहे लाखों, रावण दे देना,
ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ,,,,,,,,,,,,

मेरी मांग बड़ी साधारण, मन में आते रहियो l
हर इक साँस के पीछे अपनी, झलक दिखलाते रहियो ll
*नाम तेरा ले आखिर तक, वो धड़कन दे देना,
ऑंखें बंद करूँ या खोलूँ,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल



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