मेरे हाथो में चूड़ी खनके सथो जनम तक रहू पिया के मैं तो बाबा साथ,
वरधान मुझे दो बाबा शिर्डी के साईं नाथ ,
तेरी बबुती अमृत जैसी जो हर रोग मिटाए,
देदो मुझको हाथो से अपने बाबा तेरा क्या जाये,
मेरे पाओ में विषिया दमके पाजेब रेशमी छन छन छमके,
सात जनम तक लाल चुनरिया सजती रही मेरी माथ,
वरधान मुझे दो बाबा शिर्डी के साईं नाथ ..
पार बरम बर्म ब्रमांड के नायक कहती दुनिया सारी,
हाथ पसारे दवार खड़ी हु महकादो फुलवाड़ी,
मेरी गोदी में मचले ललना ग्यारा बचनो से तुम मत तलना,
सात जनम तक मेरे सिर पे बाबा तेरा हो हाथ,
वरधान मुझे दो बाबा शिर्डी के साईं नाथ