कभी रुठ ना मुझसे तू मेरे साईं रे

कभी रुठ ना मुझसे तू मेरे साईं रे ,
मेरी ज़िंदगी है तू तेरे नाम साईं रे ,
मेरे साईं सबेरा तेरे नाम से,
तेरे नाम से ही ज़िंदगी की शाम साईं रे ,

चिंतन हो सदा मन मे तेरा,
चरनो मे तेरा मेरा ध्यान रहे,
चाहे दुख मे राहु चाहे सुख मे राहु,
होंठो पे सदा तेरा नाम रहे,
तेरे नाम से ही मेरी पहचान है, पहचान है,
तेरी सेवा मे ही मेरा कल्याण है, कल्याण है,
मेरा रोम रोम तेरा करजाई है,
तेरे कितने गिनाओ एहसान साईं रे ,
कभी रुठ ना मुझसे तू ..

दिल तुमसे लगाना सीखा है,
तुमसे ही सीखा याराना,
जीवन को सावरा है तुमने,
बदले मे डू क्या नज़राना,
मयने दिल हरा ये भी तेरी प्रीत है, हा प्रीत है,
मेरी हार मे भी साईं मेरी जीत है,
बस दिल की येई है एक आरजू,
तुझे दिल का बन्लू मेहमान साईं रे,
कभी रुठ ना मुझसे तू.....

दुनिया के मई अवगुनन क्या देखु,
मेरे अवगुनन काई हज़ार प्रभु,
उन अवगुनन सब धक लोगे,
इतना है मुझे ऐतबार प्रभु,
मेरे अवगुनन से नज़ारो को फेर लो, हा फेर लो,
अपनी बाहों मे प्रभुजी मुझे घेर लो,
ऐसी कृपा करो ना इस दास पे,
रहे पापो का कोई निसान साईं रे  ,
कभी रुठ ना मुझसे तू मेरे साईं रे ......

कभी रुठ ना मुझसे तू मेरे साईं रे,
मेरी ज़िंदगी है तू तेरे नाम साईं रे,
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