रूठी किस्मत बनाने की बारी आ गई,
अपनी दुनिया सजाने की बारी आ गई,
जल्दी चलो न सजन साईं बाबा की सवारी आ गई,
सरपे उपर मुक्त सजा है दूल्हा बन गये साईं,
कंधो पर डोला है सोहे गूंज रही शहनाई,
एसे फूटे पटके दिवाली आ गई,
जल्दी चलो न सजन साईं बाबा की दिवाली आ गई,
साईं बाबा की सवारी आ गई.....
शिर्डी ले जाने का वाधा जाने कब हो पूरा,
बाबा के दर्शन का सपना रह जाये न अधुरा,
कहे मन हर दवार शिर्डी साईं आ गई,
जल्दी चलो न सजन साईं बाबा की सवारी आ गई.....