जय जय माँ विच पहाड़ां,
दे माँ तेरी ज्योत जगे,
रानी माँ......
सुहा सुहा चोला तेरे अंग विराजे
केसर तिलक लगे,
रानी माँ......
पंजा पंजा पॉडंवा ने भवन बना़या,
मॉ पिन्डी रूप धरे ,
भोली माँ.......
किशमिश मेवा तेरे भोग लगाया
आरती देव करे,
जै जै माँ........
गंगा जल पावन निर्मल धारा
माँ तेरे चरण धोये,
वैष्णो माँ....
नंगे नंगे पैरी राजा अकबर आया
माँ तेरी पूजा करे,
अम्बे माँ....
तू ही मईया वैष्णो मॉ सरस्वती,
मॉ काली खड़ग धरे,
दुर्गा माँ....
बैठी भवन में जग कल्याणी,
हनुमन्त चँवर करें,
नैना माँ....
ब्रह्मा विष्णू शंकर ध्यावें,
नित्त तेरा ध्यान धरें,
जननी माँ....
दर्शन दो मईया द्वार खड़े है,
ममता की छाया तले,
प्यारी माँ.......