गौ हत्यारे मरे गे सारे ना देंगे धमकी न डांटे गे हम,
गाये काटेगा जो उसका काटेंगे हम,
हिन्दुओ की आस्था से खेल खेला जाता है,
राजीनीति की मिली भगत से कट ती गौ माता है,
गौ हत्या रोके गे हथ्यारो को ठोके गे,
छे इंच ऊपर से झांटे गे हम,
गाये काटेगा जो उसका काटेंगे हम,
आज मोहित साई करता खुलम खुला घोषणा,
पीछे न ये कदम हटेंगे काल भी चाहे हो खड़ा,
जो रक्शा फर्ज है दूध का जो कर्ज है,
जिन्दा ही धरती में बांटे गे हम,
गाये काटेगा जो उसका काटेंगे हम,