सज धज कर जिस दिन मौत की सैहजादी आएगी,
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी ,
यदि छोटा तू कितने बड़े अरमान है तेरे
माटी का तू सोने के सब सामान है तेरे
माटी की काया माटी में हो हो ......
माटी की काया माटी में इक दिन मिलजाएजी
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी
सज धज कर जिस दिन मौत की हो हो....
पन्क्षी है पर पन्क्षी है पिजरा खोल के उड़जा,
माया मोह के सारे बन्धन तोड़ के उड़जा,
दिल की हर धड़कन में जब मौत गुन गुनएगी,
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी,
अच्छे किये कर्म जो तुमने पाया मनुष्य तन
पाप में क्यू भटका है रे पापी तेरा मन
अच्छे किये कर्म जो तुमने पाया मनुष्य तन
पाप में क्यू भटका है रे पापी तेरा मन
और पाप की नैया तुमको हो हो....
और पाप की नैया तुमको एक दिन डुबाएगी
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी
सज धज कर जिस दिन मौत की हो हो....
धन दौलत से एक दिन तेरा खाली होगा हाथ
अंत समय बस प्रभु का एक भजन चलेगा साथ
सात गुर हंस वाणी तुम्हे याद आएगी
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी
सज धज कर जिस दिन मौत की सैहजादी आएगी
न सोना काम आएगा न चांदी आएगी