डम डम डमरू भाजे भुत प्रेत की टोली नाचे,
भसम रमाये ोहड़ दानी महफ़िल सजी वीराने में,
भोला नाचे मलंग मसाने में,
नर कंकालों की बस्ती में उड़े धुआँ बस धुआँ धुआँ,
पे गये चिलम पे चिलम दे गंबर देखो कितना मस्त हुआ,
भांग धतूरा खाये भोला भांग भरी पैमाने में,
भोला नाचे मलंग मसाने में,
अनुपम मोहित विनय करे है,
तुम सा कौन ज़माने में,
भोला नाचे मलंग मसाने में,