भोले की निकली टोली मिरग शाला कमारियाँ बाँध के,
मस्ती में सब ही झूमे लागे लेके डमरू हाथ में,
बाबा बर्फानी की गूंजे जय कारा अमरनाथ में,
भोले की निकली टोली मिरग शाला कमारियाँ बाँध के,
सावन के पावन महीने में देखो छटा हरयाली है,
दादरु मोर पपीहा बोले बोले कोयल मतवाली है,
बाँध लिया है सिर पे भगवा बाबा के अस्वाद से,
भोले की निकली टोली मिरग शाला कमारियाँ बाँध के,
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण भगवा ही लहराए गा,
भोले की किरपा से अब राम मंदिर बन जाएगा,
आओ मिल कर कसम खाये बाबा के दरबार में,
भोले की निकली टोली मिरग शाला कमारियाँ बाँध के,
भक्ति भाव से लिखते लाला गाते भानु श्री है,
देवघर बाबा जल्दी भुलाओ हम सब की अर्जी है,
चले गे साथ में भाइयाँ सचिन जी राकेश भाइयाँ की गाडी से,
भोले की निकली टोली मिरग शाला कमारियाँ बाँध के,