नाथ तेरे साथ चलु गी तू बात मान भंडारी

नाथ तेरे साथ चलु गी तू बात मान भंडारी,
गेल मेरी के काटे गी री क्यों अक्ल गई तेरी मारी,

भोले नाथ तेरी पेहल बजाऊ भगियां में पकवान खिलाऊ,
ईब मैं नहीं चलु गी तू बात मान भंडारी.
गेल मेरी के काटे गी री क्यों अक्ल गई तेरी मारी,

जंगल में से मेरा वसेरा बोले से उड़े सेर बसेरा,
फेर तू मने ढाँटेगी रे क्यों अक्ल गई तेरी मारी,
नाथ तेरे साथ चलु गी तू बात मान भंडारी,

सेरब गेर से नहीं डरु गी भोले नाथ तेरी गेल मनु गी,
गल मैं नहीं गलु गी हो तू बात मान भंडारी,
गेल मेरी के काटे गी री क्यों अक्ल गई तेरी मारी,

भोले नाथ ने तयारी करली ले जावन की हामी भर ली,
मेरी तू गेल हटे गी री क्यों अक्ल गई तेरी मारी,
नाथ तेरे साथ चलु गी तू बात मान भंडारी,
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