तेरा डम डम डमरू भाजे गा कावड़ियाँ छम छम नाचेगा,
कावड़ियाँ रुन जून नाचेगा,
कावड़ भोले तेरी धरि है कंधे पे,
भोला हरी हरी बम बम गावेगा,
कावड़ियाँ छम छम नाचेगा,
सावन का यु फर्स्ट महीना भोला कैसी धूम मचावे गा,
कावड़ियाँ छम छम नाचेगा,
भांग धतूरा दूध चढ़े है,
और चिलम में सुट्टा लगावे गा,
कावड़ियाँ छम छम नाचेगा,
हरिद्वार भूमि अति पावन,
नागर गंगा खूब न्हावे गा,
कावड़ियाँ छम छम नाचेगा,