मन में तू है तन में तू,
धरती में तू अम्बर में तू,
यहाँ भी देखु जिधर भी देखु हर तरफ है तू ही तू,
जग में आया तू अकेला नीम की छइया में तू,
खुद था भूखा पर न देखा सब मुश्किल देता है तू,
नजरो में है तू वसा सब के लव्बो पे साई तू ,
दिल की हर धड़कन में बाबा सांसो में है तू ही तू ,
मेरा साई साई रख रही मेरे दिल की धड़कने,
साई साई कहके सब लगी है धड़कने,
भगत तेरे सब खड़े दर्शन तो आकर दीजिये,
जो दुखी है दीं निर्बल उन पे किरपा कीजिये,
गगन आया दर पे तेरे उस पे रेहमत कीजिये